जंगल अब कुछ बदल रहा है ,
अंदर ही अंदर कुछ चल रहा है ,
एक हिस्सा खुद को सहेज रहा है ,
परिवर्तन की बयार में संभल रहा है |
दूसरा हिस्सा हावी होने के लिए ,
आसमान को छूने के लिए
शिद्दत से मचल रहा है ||
एक हिस्सा है सूखे दरख्तों का ,
दूसरा उनके बाल-बच्चों का |
एक हिस्सा है पुराने , जीर्ण वृक्षों का ,
दूसरा उनसे पनपे नए पौधों का ||
सूखे दरख्त , नए वृक्षों के अनुसार
बोझ हैं , समस्या हैं , प्रगति में बाधक हैं |
रुढियों और परम्पराओं से चिपके हुए
ये प्रगति-मार्ग के अवरोधक हैं ||
नयी पौध इसी उधेड़बुन में परेशान है
कि इन सूखे दरख्तों की समस्या का क्या समाधान है |
नयी पौध में कुछ पौधे तो, अत्यधिक विद्वान हैं
उनके पास इस विकट समस्या का भी समाधान है ||
ये समाधान कुछ यूं है कि
इन्हें इनके हकों से वंचित कर दो , महरूम कर दो ,
सूखे तो हैं ही , झुलसने पर भी मजबूर कर दो ||
एक नई जगह बनाओ ,
बनाओ एक नई व्यवस्था ,
जहाँ सभी सूखे दरख्त ,
मिलकर रहें इकठ्ठा ||
हरियाली के बीच में से ,
इन ठूंठों को हटा दो ,
इन्हें मुख्यधारा से दूर ,
कहीं ठूँठघर में बसा दो ||
इन इरादों की भनक बुजुर्गों तक भी पहुंची
कुछ चिंतित हुए , कुछ विस्मित हुए ,
कुछ को लगा यह दोष है भाग्य का
तो कुछ परवरिश के तौर-तरीकों पर शंकित हुए ||
नयी पौध भूल गई है शायद ,
कभी इन सूखे दरख्तों में भी हरियाली थी |
भूल रहे हैं कि जिसकी वो शाख हैं
कभी उसमें भी हरे भरे पत्ते थे ,
जिंदगी की लाली थी ||
कभी उसकी छाँव में ही ,
इनका बचपन बीता था |
कभी उसी ने इनको अपने ,
स्नेह अश्रु से सींचा था ||
सर्दी , बारिश , आँधी आदि से
उसने ही इन्हें बचाया था ,
एक नन्हे से बीज को ,
एक विशाल वृक्ष बनाया था |
जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी
कैसे डटे रहें दृढ़ता से ,
ये भी उसने ही सिखलाया था ||
भूल रहे हैं कि उस सूखे दरख़्त की जड़ों में
आज भी कोई जिन्दा है |
शायद नयी पौध के वैचारिक पतन पर
खुद को दोषी मान कर
खुद पर ही शर्मिंदा है ||
5 टिप्पणियां:
bahut khuub
वाह बहुत खूब ...प्रशंसनीय लेखन
नए और पुराने समावेश से ही...नई विचारधारा का जन्म होता हैं
अपनी जड़े ..उसी सूखे दरख्त से जुडी हैं ...और नए पौधे आगे बढने को इसी का इसेमाल कर रहे हैं
अंजू जी , मेरे ब्लाग पर आपका स्वागत है |
मैं भी यही मानता हूँ कि जड़ें अगर जुड़ी रहें तो सभी के लिये बेहतर होगा
अवनीश जी, नयी पौध को दिया संदेश और पुराने दरख्तों का महत्व समझाने की चेष्टा प्रशंसनीय है ... उम्मीद है नयी पीढ़ी इससे शिक्षा लेगी
bahut khoobsoorat bhaav - aur utni hi khoobsoorat abhivyakti
aabhaar...
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