सोमवार, 9 अगस्त 2010

aaina (some more)

आइना रुसवा करने को, वो कीचड उछाल बैठे |
आइना गन्दा कर डाला, अपनी तस्वीर गवां बैठे |



आइना देख कर इन्सान सुधर सकता है,
अगर समझदार है फिर तो समझ जायेगा।
ज़िन्दगी भर जलेगा दुनिया के उलझन में वो,
बाद में हाथ मलेगा और बैठ के पछताएगा ।




आइना हूँ मैं मेरे सामने आकर देखो
खुद नज़र आओगे जो आँख मिला कर देखो
यु तो आसान नज़र आता है मंजिल का सफ़र
कितना मुश्किल है मेरी राह से जाकर देखो

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