विमर्श

विमर्श

  • विमर्श
  • प्रेमचन्द साहित्य

रविवार, 22 अगस्त 2010

sare jahan se achchha by ikbal

प्रस्तुतकर्ता अवनीश सिंह पर 10:03 am
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें (Atom)

लेखा-जोखा

  • कुल प्रविष्ठियां: 76
  • कुल टिप्पणियां: 125
विजेट आपके ब्लॉग पर

ब्लॉग आर्काइव

  • ►  2017 (1)
    • ►  मई (1)
  • ►  2016 (2)
    • ►  दिसंबर (1)
    • ►  जून (1)
  • ►  2015 (19)
    • ►  सितंबर (2)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जून (8)
    • ►  मई (1)
    • ►  मार्च (2)
    • ►  फ़रवरी (4)
    • ►  जनवरी (1)
  • ►  2014 (10)
    • ►  नवंबर (5)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  जनवरी (1)
  • ►  2013 (14)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  जुलाई (2)
    • ►  जून (2)
    • ►  मई (2)
    • ►  मार्च (5)
  • ►  2012 (5)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  फ़रवरी (2)
    • ►  जनवरी (2)
  • ►  2011 (12)
    • ►  सितंबर (3)
    • ►  अगस्त (3)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  मई (1)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  मार्च (1)
    • ►  फ़रवरी (2)
  • ▼  2010 (13)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  सितंबर (1)
    • ▼  अगस्त (7)
      • incredible India (latest)
      • sare jahan se achchha by ikbal
      • dare to initiate , you can do anything and each in...
      • Times of India vs. Hindustan Times
      • India or Bharat
      • aaina (some more)
      • aaina
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  मई (2)

समर्थक

अगर यह ब्लॉग आपको पसंद आया हो तो अपना समर्थन जरूर दें |

Follow this blog

लोकप्रिय पोस्ट

  • कईसे भाई के सनेहिया बाटल जाई विरना
    ये भोजपुरी का एक प्रसिद्ध गीत है| गीत लिखा है तारकेश्वर मिश्रा ने और उसको आवाज दी है रविन्दर कुमार राजू ने |गीत बहुत ही मार्मिक और हृदयस...
  • सोनवा के पिंजरा में
    लड़की की विदाई से जुड़े गीतों की बात करें तो पहली भोजपुरी फिल्म "गंगा मैया तोंह्के पियरी चढ़ाईबैं" के गीत जितना मार्मिक और सुमधुर गीत...
  • नीरवता के सेतु
    सोचता हूँ   नीरवता   के साम्राज्य में   अंदर भेजूँ गुप्तचर कुछ शब्दों के   तेरी शान्त जिह्वा में कराऊँ कुछ कम्पन हो उदगार जो अभी अ...
  • इंटरनेट पर संस्कृत के साधन
    कंप्यूटर के युग में 'संस्कृत भाषा' की महत्ता एक बार ...
  • चंद्रशेखर आज़ाद की बहन
    बात उन दिनों की है जब क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत थे और फिरंगी उनके पीछे लगे थे। फिरंगियों से  बचने के लिए शरण...
  • बेटा, तुमसे ना हो पायेगा
    कथा उस समय की है जब हिन्दी साहित्य के आकाश मे रचनात्मकता पर ग्रहण लगा हुआ था | लेखक और पाठक एक दूसरे से दूर जा रहे थे | हिन्दी अपने तमाम ...
  • भगत सिंह की लेखनी से - 'युवक'
    शहीदे आजम भगत सिंह आज भी युवकों के अनंत प्रेरणास्त्रोत हैं | यह लेख 'साप्ताहिक मतवाला' (वर्ष २,अंक ३८, १६ मई १९२५) में बलवंत सिंह के...
  • सूद-मूल
    जिन लोगों ने कभी ब्याज(सूद) पर कर्ज लिया या दिया होगा उन्हें यह भली प्रकार पता होगा कि लेनदार को मूलधन से कहीं ज्यादा ज्यादा फ़िक्र ब्याज की ...
  • रामप्रसाद बिस्मिल का अंतिम पत्र
    शहीद होने से एक दिन पूर्व रामप्रसाद बिस्मिल ने अपने एक मित्र को निम्न पत्र लिखा - "19 तारीख को जो कुछ होगा मैं उसके लिए सहर्ष तैयार ह...
  • धीरज रखो प्रिये
    यूँ रूठो मत, तुम नाराज न हो ! छोड़ो खफ़गी, जरा सुन तो लो !! मैं मारा-मारा फिरता हूँ, अफसरों की खुशामद करता हूँ ! करता हूँ मेहनत किसके लिये ...

श्रेणियाँ

  • [किस ऑफ़ लव] (1)
  • अशोक जमनानी (2)
  • उप्र (1)
  • कवि (1)
  • कविता (24)
  • कहानी (1)
  • कृषक (1)
  • खम्मा (2)
  • खुशियाँ (3)
  • गणपति विसर्जन (1)
  • गनपत (1)
  • चंद्रशेखर आज़ाद (1)
  • टीवी सीरियल (1)
  • ढ़ोला मारू (1)
  • दादा (1)
  • दादी (1)
  • दारु (1)
  • नक़ल (1)
  • पानी (1)
  • पुस्तक समीक्षा (2)
  • फिल्म (1)
  • बाजार (1)
  • बाल कविता (1)
  • बिहार (2)
  • बिहारी (1)
  • भगत सिंह (1)
  • भाषा (1)
  • भैया (1)
  • भोजपुरी (2)
  • माओ (1)
  • मार्क्स (2)
  • मीडिया (1)
  • मूल (1)
  • यादें (1)
  • राम (1)
  • राष्ट्र (1)
  • लेखक (1)
  • लोकगीत (2)
  • लोहिया (1)
  • वाम (1)
  • विचार (5)
  • विज्ञान (1)
  • वीडियोज (1)
  • वेलेंटाइन डे (1)
  • व्यंग्य (6)
  • शिक्षा (1)
  • संस्कृत (1)
  • समाज (1)
  • सूद (1)
  • सोमरस (1)
  • स्वप्न (1)
  • हिंदी (4)
  • father (1)
सरल थीम. rusm के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.