शनिवार, 20 जून 2015

बहाव


तुम सुनते रहे, मैं कहता रहा
तुम रोकते रहे, मैं बहता रहा
पर जब बहाव बढ़ता गया
तो तुम भी क्यूँ न बह गये,
आखिर तुम किनारे ही क्यूँ रह गये ??

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